जिंदगी मे कभी कभी आता है ऐसा दोर
इंसान हो जाता है बहुत कमजॊर
हिम्मत टूट जाती है
विश्वास धरासायी हो जाता है
जिंदगी का रुख हो जाता है कुछ और
जिंदगी मे कभी कभी आता है ऐसा दोर
अपनों की बेरुखी देखी नहीं जाती
दस्ताने जिंदगी जुबा तक नहीं आती
आखो से आसू , होटों से गायब मुस्कुराना
सारा जग लगता है बेगाना
फिर एक जॊश , फिर एक जूनून आता है
जब इंसान देता है अपने होसले पर गॊर
और एक हौसला बदल देता है जिंदगी का दोर
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