Tuesday 19 August 2014

एक रहें A

एक रहें A 
एक रहें B 
एक रहें हम 
A कहिन चलो लम्बी लम्बी फेकी 
B कहिन चलो चल के देखी 
और हम कहिन न फेकी , न देखी दरिया मे बहा करके नेकी

जिंदगी से कुछ मांगना है तो ऐसे मागो

जिंदगी से कुछ मांगना है तो ऐसे मागो
जैसे ओ चीज़ तुम्‍हारे बाप की है 
अगर न मिले तो नो टेंशन कोंन सी तुम्‍हारे बाप की थी

मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु

मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु
फिर कोई हज़ार बार पुकारे 
मुड कर नहीं देखता , नहीं रुकता हु 
मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु
आँखों मै दुखॊ का शैलाब भरा है 
रोता नहीं हु कही छलक कर अपनों के पास न चला जाये 
इस लिए अपने आप मै घुटता हु 
मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु

रोज़ कहता हूँ कल से पीयूँगा नहीं,

रोज़ कहता हूँ कल से पीयूँगा नहीं,
ग़ालिब की हर सुबह वही, हर शाम वही...
क्या करते ग़ालिब इस बेरुखी दुनिया मे
पि लेते है सही  है  वही
ग़ालिब की हर सुबह वही, हर शाम वही...
कम से कम नशे मन से जो देखते  है वही दिख जाता है 
लॊग भी दूर से निकल जाते है 
वर्ना आज तो इंसान होश मे खडे खडे बिक जाता है 
रोज़ कहता हूँ कल से पीयूँगा नहीं,
ग़ालिब की हर सुबह वही, हर शाम वही...
पि लेते है सही  है  वही

एक इशक पाने के लिए जिंदगी लगा दी


एक इशक पाने के लिए जिंदगी लगा दी 
अब तो खुदा भी नाराज़ है की मैने जिंदगी गवा दी

मुझे खुसी मिलती है किस्तों मे,

मुझे खुसी मिलती है किस्तों मे,
लाख कोशिस कर लू दरार पड़ ही जाती है रिश्तों मे 
मुझे खुसी मिलती है किस्तों मे,

वक्त का बिछड़ जाना जिंदगी का अंदाज है..

वक्त का बिछड़ जाना जिंदगी का अंदाज है..
जोश मे जियो भाई अब नयी बातो का आगाज  है 
जो  बीत गया बंदा उससे सीखा गया ,
जो सीखा गया,वो जीत  गया  ,
जो नहीं सीखा उसका वक्त बर्बाद है 
वक्त का बिछड़ जाना जिंदगी का अंदाज है..
जोश मे जियो भाई अब नयी बातो का आगाज  है

दिल की बाते दिल ही जाने

दिल की बाते दिल ही जाने 
वो दिल ही क्या जो बंधनो को माने 
दिल तो एक उड़ान है 
जो समझ मे न आये वही उसकी पहचान है 
बिन  बोले सब कहे 
खामोशी उसकी जुबान  है.....

पैदा तो सरीफ़ हुआ था

पैदा तो सरीफ़ हुआ था 
लेकिन मिज़ाज़ ही ऐसा है की 
सराफ़त  से अपनी कभी बनी नहीं
कोई ऐसा  दिन नहीं गुजरा 
जिस दिन मेरी अपने आप से ठनी नहीं |

आज मैने पुराने खिलौने तोड़ दिए ,

आज मैने पुराने खिलौने तोड़ दिए ,
बाजार मे घूम रहा हु  दाम लेकर ,
शायद  कोई  नया   मिल  जाये  

पथरों की मिसाल देता हु ....

पथरों  की मिसाल देता हु   खुद से हार गया हु  
जहा देखो वहीँ हथियार ड़ाल देता हु  
अब  लोगो की बेरुखी का फर्क नहीं पड़ता है मुझपे 
काफिले छोड़ दिए कही भी आसियान ड़ाल देता हु 
पथरों  की मिसाल देता हु , पथरों  की मिसाल देता हु

अफ़सोस यही रहेगा ...................

अफ़सोस यही रहेगा जिंदगी की कस्ती संभाल नहीं पाया  
तुम से फिर मिलु मेरी जिंदगी मे ओ दिन न आया
आज तक जिनको रोंक कर रखा था आँखो मे 
बेवफा ओ अश्रू भी आज निकल ही आया 
और दोस्त नफरत तो करना नहीं कभी जो दिखाया ओ सिर्फ आईना था 
खुद तो मे  निकल कर कभी  तेरे सामने  नहीं आया 
बात और भी है लिखा बहुत तेरे लिए कागचो पर
तूने उनको क्या  समझा आज तक मुझको नहीं समझ आया 
अफ़सोस यही रहेगा जिंदगी की कस्ती संभाल नहीं पाया