आज शांत हो गयी एक ज्वाला
पी लिया समाज ने जहर का पायला
छोड़ गयी है एक चिंगारी
अब तो जागो समझो अंपनी अपनी ज़िम्मेदारी
मानस पटल पर है चिंता की लकीर
आओ मिल कर बदले समाज की तस्वीर
जय हिन्द !!!!
(इस आग को बुझने मत देना दोस्तों )
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