मै अपना सारा जीवन कागज और लेखनी को समर्पित करता हु I
जो कुछ लिखा है सरस्वती माँ तेरे चरणों मे अर्पित करता हु II
अलख सागर
Wednesday, 24 April 2013
मुझे खैरात मे मिली खुशी अच्छी नहीं लगती
मुझे खैरात मे मिली खुशी अच्छी नहीं लगती मे अपने गमो मे रहता हु नवाबो की तरह जरुरी नहीं हर खुशी मिले जमाने मे, तो कुछ खुशी को जी लेता हु मै खाहबो की तरह
No comments:
Post a Comment