उसूलो पे जो आंच आये तो टकराना जरूरी है ! अगर जिन्दा हैं तो जिन्दा नज़र आना जरूरी है !
मै अपना सारा जीवन कागज और लेखनी को समर्पित करता हु I
जो कुछ लिखा है सरस्वती माँ तेरे चरणों मे अर्पित करता हु II
अलख सागर
Wednesday 15 June 2016
शीशा टूटे और बिखर जाये तो बेहतर है दरारे न जीने देती है न मरने |
शीशा टूटे और बिखर जाये तो बेहतर है दरारे न जीने देती है न मरने |
Saturday 9 April 2016
अब जो न बोले भारत माता की जय
अब जो न बोले भारत माता की जय
उसको तिरंगे का भय दिखना होगा
अब हर दिल मे तिरंगा लहलहाना होगा
अब सबको बन्दे मातरम गाना होगा
अब जो न बोले भारत माता की जय
उसको तिरंगे का भय दिखना होगा
मंदिर माजिद का सम्मान होगा
टोपी तिलक पर हमको अभिमान होगा
अब बर्दास्त ना भारत माता का अपमान होगा
अब तो जागो वरना बहुत कुछ गवाना होगा
अब जो न बोले भारत माता की जय
उसको तिरंगे का भय दिखना होगा
अब हर दिल मे तिरंगा लहलहाना होगा
अब सबको बन्दे मातरम गाना होगा
उसको तिरंगे का भय दिखना होगा
अब हर दिल मे तिरंगा लहलहाना होगा
अब सबको बन्दे मातरम गाना होगा
अब जो न बोले भारत माता की जय
उसको तिरंगे का भय दिखना होगा
मंदिर माजिद का सम्मान होगा
टोपी तिलक पर हमको अभिमान होगा
अब बर्दास्त ना भारत माता का अपमान होगा
अब तो जागो वरना बहुत कुछ गवाना होगा
अब जो न बोले भारत माता की जय
उसको तिरंगे का भय दिखना होगा
अब हर दिल मे तिरंगा लहलहाना होगा
अब सबको बन्दे मातरम गाना होगा
जब दस्ताने जिन्दगी लिखुगा तेरा जिक् जरूर करूंगा।
जब दस्ताने जिन्दगी लिखुगा तेरा जिक् जरूर करूंगा।
तू करे ना करे मै तेरी फिक् जरूर करूंगा ||
तू करे ना करे मै तेरी फिक् जरूर करूंगा ||
दो हिस्सों मे बट गये है मेरे दिल के अरमान ...
दो हिस्सों मे बट गये है मेरे दिल के अरमान .............
कुछ तुझे पाने निकले , तो कुछ मुझे समझाने निकले ...........
कुछ तुझे पाने निकले , तो कुछ मुझे समझाने निकले ...........
किसी ने हमसे पूँछा की -
किसी ने हमसे पूँछा की -
तुम उसे पाने के लिए किस हद तक जा सकते हो ।।
हमने भी मुस्कुरा कर कहा की -
अगर हद ही पार करनी होती तो
उसे कब का पा लिया होता....l
तुम उसे पाने के लिए किस हद तक जा सकते हो ।।
हमने भी मुस्कुरा कर कहा की -
अगर हद ही पार करनी होती तो
उसे कब का पा लिया होता....l
ये माना मैने की तेरी कोई खता नहीं
ये माना मैने की तेरी कोई खता नहीं
फिर भी तेरे पास मेरे लिए कोई सजा नहीं
तू समझे ना समझे मेरी मज़बूरी
बस इतना मान ले मै बेवफा नहीं ||
फिर भी तेरे पास मेरे लिए कोई सजा नहीं
तू समझे ना समझे मेरी मज़बूरी
बस इतना मान ले मै बेवफा नहीं ||
क्यों न सज़ा मिलती हमें मोहब्बत में आख़िर
क्यों न सज़ा मिलती हमें मोहब्बत में आख़िर
हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस शख्स की ख़ातिर....
हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस शख्स की ख़ातिर....
Earn Only Friendship.
Earn Only Friendship.............................................................
हमने जिंदगी की यू रफ़्तार बना रखी है
अब दुश्मन भले आगे निकल जाये
पर कोई दोस्त पीछे न छूटे |
अब दुश्मन भले आगे निकल जाये
पर कोई दोस्त पीछे न छूटे |
ये जिंदगी करा ले जितने करा सकती है समझौते |
ये जिंदगी करा ले जितने करा सकती है समझौते |
अगर मै तुझको जीने लगा तो नहीं दूँगा मौके ||
अगर मै तुझको जीने लगा तो नहीं दूँगा मौके ||
Friday 8 April 2016
हौसला नहीं दिखाते है बंदूक के ट्रिगर से
हौसला नहीं दिखाते है बंदूक के ट्रिगर से
हिम्मत दिखाते है अपने ज़िगर से ||
हिम्मत दिखाते है अपने ज़िगर से ||
शौक पूरा कर लेने दो उनहे.
शौक पूरा कर लेने दो उनहे....
गैरो की महफिल का.....
इतनी चाहत के बाद जो हमारे नही हुए..
वो किसी और के कया होंगे
गैरो की महफिल का.....
इतनी चाहत के बाद जो हमारे नही हुए..
वो किसी और के कया होंगे
तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे ,,
तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे ,,
शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे…!!!
शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे…!!!
उम् भर की कमाई को आग दिखा दी।
उम् भर की कमाई को आग दिखा दी।
गलती तेरी नही जो औकात दिखा दी
कोई गमो रंज नही राख को ले कर मैने नई तस्बीर बना दी।
जा जी ले खुद से बचपन से चलती रही जो मैने लकीर बना दी
खुद बन बैठी दौलतमंद माथा चूम कर दुआ देने वाले को फकीर बना दी।
गलती तेरी नही जो औकात दिखा दी
कोई गमो रंज नही राख को ले कर मैने नई तस्बीर बना दी।
जा जी ले खुद से बचपन से चलती रही जो मैने लकीर बना दी
खुद बन बैठी दौलतमंद माथा चूम कर दुआ देने वाले को फकीर बना दी।
जय हिन्द जय भारत
हमारी गाथा शब्दों मे सुनाई नहीं जाती
हमारी विशालता बातो से बताई नहीं जाती
कुछ तो हस्ती है हमारी जो सदियों से मिटाई नहीं जाती
आखो मे शोला और मोहब्बात दोनों रखते है
तभी तो दुस्मनो से आखे मिलायी नहीं जाती
हमारी विशालता बातो से बताई नहीं जाती
कुछ तो हस्ती है हमारी जो सदियों से मिटाई नहीं जाती
आखो मे शोला और मोहब्बात दोनों रखते है
तभी तो दुस्मनो से आखे मिलायी नहीं जाती
जय हिन्द जय भारत
रख तो लेता सात जन्मो तक
रख तो लेता सात जन्मो तक
पहले वाली वफ़ा तो दिखा पाती
खून तो मेरा तुम्हारे लिए अब पानी था
तुम कैसे रिस्तो को निभा पाती
ठोकरें खा कर भी न संभले तो मुसाफ़िर का नसीब;..............
ठोकरें खा कर भी न संभले तो मुसाफ़िर का नसीब;
वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज़ निभा ही दिया.
वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज़ निभा ही दिया.
मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी.......................
मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी ना समझ ऐ दोस्त अक्शर गुमनाम समंदर ही खौफ़ लाता है.
Chandra Prakash Yadav
Chandra Prakash Yadav
तोड दिये सब रिस्ते नाते
तोड दिये सब रिस्ते नाते
आसू नही गिरने दिये आखो से तेरा शहर छोडकर जाते जाते
थक गया था तेरी बेवफाई का बोझ उठाते उठाते
भूल गया था सब रिस्ते
एक तेऱा रिस्ता निभाते निभाते
तोड दिये सब रिस्ते नाते
आसू नही गिरने दिये आखो से
तेरा शहर छोडकर जाते जाते
गैरो को लाख चाह लो
एक जनम लग जायेगे हमे भूलाते भूलाते
जा कर देखना उसकी बाहो मे रात गुजर जयेगी
नीद आतेआते
और तेरे दिये जख्मो पर हौसले का मलहम लगा कर
जिन्दगी गुजार देगे मुस्कुराते मुस्कुराते
Chandra Prakash Yadav
किसी ने धूल क्या झोंकी आँखों में
किसी ने धूल क्या झोंकी आँखों में ...कम्बख़्त पहले से बेहतर दिखने लगा ।
जिन से उम्मीद थी............................
जिन से उम्मीद थी की हमारे जखंम पर मलहम लगायेगे
क्या पता था हमको ओ ही पीठ मे खंजर मार कर चले जायेगे
Chandra Prakash Yadav
क्या पता था हमको ओ ही पीठ मे खंजर मार कर चले जायेगे
Chandra Prakash Yadav
अब रोज़ कुछ नया लिखना चाहता हु |
अब रोज़ कुछ नया लिखना चाहता हु |
फिर से घर के छजए पर खड़ा दिखना चाहता हु |
Chandra Prakash Yadav
फिर से घर के छजए पर खड़ा दिखना चाहता हु |
Chandra Prakash Yadav
Subscribe to:
Posts (Atom)