Friday 8 April 2016

ठोकरें खा कर भी न संभले तो मुसाफ़िर का नसीब;..............

ठोकरें खा कर भी न संभले तो मुसाफ़िर का नसीब;
वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज़ निभा ही दिया.

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