Tuesday 19 August 2014

मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु

मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु
फिर कोई हज़ार बार पुकारे 
मुड कर नहीं देखता , नहीं रुकता हु 
मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु
आँखों मै दुखॊ का शैलाब भरा है 
रोता नहीं हु कही छलक कर अपनों के पास न चला जाये 
इस लिए अपने आप मै घुटता हु 
मै अपनो के आगे सौ बार झुकता हु

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