अफ़सोस यही रहेगा जिंदगी की कस्ती संभाल नहीं पाया
तुम से फिर मिलु मेरी जिंदगी मे ओ दिन न आया
आज तक जिनको रोंक कर रखा था आँखो मे
बेवफा ओ अश्रू भी आज निकल ही आया
और दोस्त नफरत तो करना नहीं कभी जो दिखाया ओ सिर्फ आईना था
खुद तो मे निकल कर कभी तेरे सामने नहीं आया
बात और भी है लिखा बहुत तेरे लिए कागचो पर
तूने उनको क्या समझा आज तक मुझको नहीं समझ आया
अफ़सोस यही रहेगा जिंदगी की कस्ती संभाल नहीं पाया
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