उम् भर की कमाई को आग दिखा दी।
गलती तेरी नही जो औकात दिखा दी
कोई गमो रंज नही राख को ले कर मैने नई तस्बीर बना दी।
जा जी ले खुद से बचपन से चलती रही जो मैने लकीर बना दी
खुद बन बैठी दौलतमंद माथा चूम कर दुआ देने वाले को फकीर बना दी।
गलती तेरी नही जो औकात दिखा दी
कोई गमो रंज नही राख को ले कर मैने नई तस्बीर बना दी।
जा जी ले खुद से बचपन से चलती रही जो मैने लकीर बना दी
खुद बन बैठी दौलतमंद माथा चूम कर दुआ देने वाले को फकीर बना दी।
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